FACTS ABOUT HANUMAN CHALISA REVEALED

Facts About hanuman chalisa Revealed

Facts About hanuman chalisa Revealed

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Yama, Kubera as well as the guardians of the 4 quarters; poets and Students – none can express Your glory.

Diseases will probably be ended, all pains will probably be long gone, when a devotee continually repeats Hanuman the courageous’s identify.

By your grace, just one will go to the immortal abode of Lord Rama immediately after Dying and remain dedicated to Him. 

बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥

TumhareTumhareYour bhajanaBhajanaDevotion / chanting rāma RāmaLord Rama koKoTo pāvaiPāvaiTakes to / offers / attained

व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज को समस्त सिद्धियाँ प्राप्त हैं तथा उनके हृदय में प्रभु विराजमान हैं, इसलिये समस्त शक्तियाँ भी आपके साथ रहेंगी ही। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

व्याख्या– ‘पिताँ दीन्ह मोहि कानन राजू‘ के अनुसार श्री रामचन्द्र जी वन के राजा हैं और मुनिवेश में हैं। वन में श्री हनुमान जी ही राम के निकटतम अनुचर हैं। इस कारण समस्त कार्यों को सुन्दर ढंग से सम्पादन करने का श्रेय उन्हीं को है।

They arrest Hanuman, and beneath Ravana's orders consider him to some public execution. There, Ravana's guards start his torture by tying his tail with oiled cloth and location it on fireplace. Hanuman then leaps from just one palace rooftop to a different, burning almost everything down in the method.[62]

BhīmaBhīmaFrightening rūpaRūpaForm / physique / shape DhariDhariAssuming asuraAsuraDemon samhāreSamhāreDestroy / kill

asuraAsuraDemons nikandanaNikandanaSlayer / destroy rāma RāmaLord Rama dulāreDulāreDear / Beloved Indicating: You would be the guardian of saints and sages, the destroyer of demons, the darling of Ram.

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥

You tend to be the repository of learning, virtuous and absolutely attained, often eager to carry out the behests of Shri Ram.

व्याख्या – किसी को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये सर्वप्रथम उसके गुणों का वर्णन करना चाहिये। अतः यहाँ हनुमान जी के गुणों का वर्णन है। श्री हनुमन्तलाल जी त्याग, दया, विद्या, दान तथा युद्ध – इन पाँच प्रकार के वीरतापूर्ण कार्यों में विशिष्ट स्थान रखते हैं, इस कारण ये महावीर हैं। अत्यन्त पराक्रमी और अजेय होने के कारण आप विक्रम और बजरंगी हैं। प्राणिमात्र के परम हितैषी होने के कारण उन्हें विपत्ति से बचाने के लिये उनकी कुमति को दूर करते हैं तथा जो सुमति हैं, उनके आप here सहायक हैं।

छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।

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